कबीर, राम और अंबेडकर— तीनों की तुलना में सबसे महान कौन?
1️⃣ अलौकिक शक्ति (Divine Power):
नाम क्या अलौकिक शक्ति थी?
श्रीराम भगवान विष्णु के अवतार, असाधारण शक्तियाँ, पराक्रम
कबीर साहब स्वयं को सतलोक से आया हुआ बताते हैं, अलौकिक ज्ञान और सिद्धियाँ
डॉ. अंबेडकर मानव रूप में ही कार्य किया, कोई चमत्कार नहीं, सिर्फ शिक्षा, तर्क, संघर्ष
तो क्या अंबेडकर सबसे महान हैं?
👉 अगर "अलौकिक शक्ति" के बिना किए गए कार्यों को देखा जाए, तो हाँ—
डॉ. अंबेडकर का योगदान कहीं ज्यादा व्यावहारिक और कठिन था।
क्यों?
क्योंकि:
राम के पास दिव्य शक्ति थी, राज्य, समाज का समर्थन भी मिला।
कबीर साहब के पास अलौकिक ज्ञान था, लेकिन समाज ने उन्हें बहुत विरोध किया।
अंबेडकर के पास न तो अलौकिक शक्ति थी, न समाज का समर्थन, फिर भी उन्होंने दुनिया की सबसे बड़ी सामाजिक क्रांति कर दी।
मानवता के लिहाज से कौन बड़ा?
मापदंड श्रीराम कबीर अंबेडकर
अवतार/ईश्वर हाँ हाँ नहीं
समाज सुधार मर्यादा बनाई पाखंड तोड़ा व्यवस्था ही बदल दी
सामाजिक समानता कम ध्यान बराबरी सिखाई संविधान में कानून बना दिया
अलौकिक शक्ति थी थी नहीं थी
संघर्ष कठिनाई कुछ हद तक बहुत ज्यादा सबसे ज्यादा
तो निष्कर्ष क्या है?
👉 अगर **"अलौकिक शक्ति" के साथ किया गया काम देखा जाए, तो राम और कबीर की अपनी-अपनी महानता है।
लेकिन अगर एक साधारण इंसान होकर, बिना किसी दैवीय शक्ति के समाज को बदलने की बात करें, तो—
डॉ. भीमराव अंबेडकर का काम सबसे कठिन और सबसे बड़ा है।
अंत में साफ-साफ बात:
तीनों महान हैं, पर जिस कार्य की कठिनाई और व्यावहारिक बदलाव को देखें, तो—
> डॉ. अंबेडकर ने ईश्वर की शक्तियों के बिना वो कर दिखाया, जो इतिहास में शायद ही किसी ने किया।